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१९. श्री १००८ मल्लिनाथ भगवान का परिचय
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भगवान का चिन्ह |
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कलश |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
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वैश्रवण |
कहां से आये |
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अपराजित |
गर्भ कल्याण तिथि |
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चैत्र शुक्ल एकम |
जन्म कल्याण की तिथि |
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मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस |
जन्म नगरी |
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मिथिला |
वंश |
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इक्ष्वाकु |
पिता का नाम |
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कुंभराज |
माता का नाम |
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प्रभावती |
आयु |
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पचपन हजार वर्ष |
ऊंचाई |
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पच्चीस धनुष |
वर्ण |
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स्वर्ण |
वैराग्य का कारण |
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आध्रुवादी भावना |
दीक्षा की तिथि |
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मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस |
दीक्षा का समय |
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पूर्वान्ह |
दीक्षा नगरी |
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मिथिलापुर |
दीक्षा वन |
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श्वेत |
दीक्षा पालकी |
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जयन्ति |
दीक्षा वृक्ष |
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मेषश्रृंग |
दीक्षा समय उपवास |
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षष्ट भक्त |
सह दीक्षित |
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तीन सौ |
प्रथम आहार नगरी |
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चक्रपुर |
प्रथम आहार किसने दिया |
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नन्दीसेन |
प्रथम आहार में क्या दिया |
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गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
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छः दिन |
केवल ज्ञान तिथि |
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पौष कृष्ण दौज |
केवल ज्ञान समय |
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अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान |
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मिथिला |
केवल ज्ञान वन |
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श्वेत वन |
केवल ज्ञान वृक्ष |
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अशोक |
समवशरण का व्यास |
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तीन योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
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चालीस हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
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पचपन हजार |
कुल गणधर |
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अठ्ठाइस |
मुख्य गणधर का नाम |
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विशाख |
मुख्य आर्यिका नाम |
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मधुसेना |
कुल श्रावक |
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एक लाख |
कुल श्राविका |
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तीन लाख |
मुख्य श्रोता |
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सार्वभौम |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
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अष्टम भक्त तीन उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
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अठ्ठाइस हजार आठ सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
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सोलह |
केवली काल का समय |
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छः दिन कम चौबन हजार नौ सौ वर्ष |
मोक्ष की तिथि |
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फाल्गुन शुक्ल पंचमी |
मोक्ष का समय |
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अपरांह |
मोक्ष का स्थान |
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सम्मेद शिखर (सम्बलकूट) |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
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पांच सौ |
योग निवृत्ति |
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एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
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खड्गासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
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महापद्म |
भगवान के समय बलदेव |
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नन्दीमित्र |
भगवान के समय नारायण |
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दत्त |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
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बली |
भगवान के समय रुद्र |
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कोई नहीं |
भगवान के समय यक्ष |
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वरुण |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
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अपराजिता |
भगवान का विशेष पद |
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बालब्रह्मचारी |
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