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१६. श्री १००८ शांतिनाथ भगवान का परिचय
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भगवान का चिन्ह |
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हिरन |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
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मेघरथ |
कहां से आये |
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सर्वाथसिद्धि |
गर्भ कल्याण तिथि |
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भाद्रपद कृष्ण सप्तमी |
जन्म कल्याण की तिथि |
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ज्येष्ठ कृष्ण चौदस |
जन्म नगरी |
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हस्तिनापुर |
वंश |
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इक्ष्वाकु |
पिता का नाम |
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विश्वसेन |
माता का नाम |
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ऐरा |
आयु |
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एक लाख वर्ष |
ऊंचाई |
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चालीस धनुष |
वर्ण |
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स्वर्ण |
वैराग्य का कारण |
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जाति स्मरण |
दीक्षा की तिथि |
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ज्येष्ठ कृष्ण चौदस |
दीक्षा का समय |
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अपरान्ह |
दीक्षा नगरी |
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हस्तिनापुर |
दीक्षा वन |
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सहस्राम्र |
दीक्षा पालकी |
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सर्वाथसिद्धि |
दीक्षा वृक्ष |
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नन्दयवर्त |
दीक्षा समय उपवास |
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षष्टोपवास |
सह दीक्षित |
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एक हजार |
प्रथम आहार नगरी |
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सुमनसपुर |
प्रथम आहार किसने दिया |
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सुमित्र |
प्रथम आहार में क्या दिया |
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गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
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सोलह वर्ष |
केवल ज्ञान तिथि |
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पौष शुक्ल दसमी |
केवल ज्ञान समय |
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अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान |
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हस्तिनापुर |
केवल ज्ञान वन |
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आम्रवन |
केवल ज्ञान वृक्ष |
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नन्दी |
समवशरण का व्यास |
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साढ़े चार योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
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बासठ हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
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साठ हजार तीन सौ |
कुल गणधर |
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छत्तीस |
मुख्य गणधर का नाम |
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चक्रायुध |
मुख्य आर्यिका नाम |
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हरषेणा |
कुल श्रावक |
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दो लाख |
कुल श्राविका |
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चार लाख |
मुख्य श्रोता |
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कुनाल |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
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षष्टोपवास तीन उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
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अड़तालीस हजार चार सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
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अट्ठाइस |
केवली काल का समय |
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सोलह वर्ष कम पच्चीस हजार वर्ष |
मोक्ष की तिथि |
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ज्येष्ठ कृष्ण चौदस |
मोक्ष का समय |
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अपरांह |
मोक्ष का स्थान |
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सम्मेद शिखर (कुन्दप्रभकूट) |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
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नौ सौ |
योग निवृत्ति |
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एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
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खड्गासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
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स्वयं |
भगवान के समय बलदेव |
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कोई नहीं |
भगवान के समय नारायण |
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कोई नहीं |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
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कोई नहीं |
भगवान के समय रुद्र |
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पीठ |
भगवान के समय यक्ष |
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गरुण |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
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महामानसी |
भगवान का विशेष पद |
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चक्रवर्ती |
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