| |
|
५: श्री १००८ सुमितनाथ भगवान का परिचय
|
| |
|
|
|
|
|
|
| भगवान का चिन्ह |
:: |
चकवा |
| देवगति से पूर्व भव का नाम |
:: |
रतिसेण |
| कहां से आये |
:: |
जयंत |
| गर्भ कल्याण तिथि |
:: |
श्रावण शुक्ल दौज |
| जन्म कल्याण की तिथि |
:: |
चेत्र शुक्ल ग्यारस |
| जन्म नगरी |
:: |
अयोध्या |
| वंश |
:: |
इक्ष्वाकु |
| पिता का नाम |
:: |
मेघप्रव |
| माता का नाम |
:: |
मंगला |
| आयु |
:: |
चालीस लाख पूर्व |
| ऊंचाई |
:: |
तीन सौ धनुष |
| वर्ण |
:: |
स्वर्ण |
| वैराग्य का कारण |
:: |
जाति स्मरण |
| दीक्षा की तिथि |
:: |
चैत्र शुक्ल ग्यारस |
| दीक्षा का समय |
:: |
पूर्वान्ह |
| दीक्षा नगरी |
:: |
अयोध्या |
| दीक्षा वन |
:: |
सुहेतुक |
| दीक्षा पालकी |
:: |
अभयकारी |
| दीक्षा वृक्ष |
:: |
प्रियंगु वृक्ष |
| दीक्षा समय उपवास |
:: |
तृतीय उपवास |
| सह दीक्षित |
:: |
एक हजार |
| प्रथम आहार नगरी |
:: |
विजयनगरी |
| प्रथम आहार किसने दिया |
:: |
पद्म राजा |
| प्रथम आहार में क्या दिया |
:: |
गौ क्षीर से बने पकवान |
| छद्मस्थकाल |
:: |
बीस वर्ष |
| केवल ज्ञान तिथि |
:: |
चैत्र शुक्ल ग्यारस |
| केवल ज्ञान समय |
:: |
अपरांह |
| केवल ज्ञान का स्थान |
:: |
अयोध्या |
| केवल ज्ञान वन |
:: |
सुहेतुक वन |
| केवल ज्ञान वृक्ष |
:: |
प्रियंगु |
| समवशरण का व्यास |
:: |
दस योजन |
| समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
:: |
तीन लाख बीस हजार |
| समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
:: |
तीन लाख तीस हजार |
| कुल गणधर |
:: |
एक सौ सोलह |
| मुख्य गणधर का नाम |
:: |
बज्र |
| मुख्य आर्यिका नाम |
:: |
अनन्ता |
| कुल श्रावक |
:: |
तीन लाख |
| कुल श्राविका |
:: |
पांच लाख |
| मुख्य श्रोता |
:: |
मित्रवीर्य |
| केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
:: |
बेला दो उपवास |
| कितने यतिगण सिद्ध हुए |
:: |
तीन लाख एक हजार छः सौ |
| अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
:: |
चौरासी |
| केवली काल का समय |
:: |
बीस वर्ष बारह पूर्व कम एक लाख पूर्व |
| मोक्ष की तिथि |
:: |
ग्यारस |
| मोक्ष का समय |
:: |
अपरांह |
| मोक्ष का स्थान |
:: |
सम्मेद शिखर अविचलकूट |
| साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
:: |
एक हजार |
| योग निवृत्ति |
:: |
एक मास पूर्व |
| मोक्ष के समय का आसन |
:: |
खड्गासन |
| भगवान के समय चक्रवर्ती |
:: |
कोई नहीं |
| भगवान के समय बलदेव |
:: |
कोई नहीं |
| भगवान के समय नारायण |
:: |
कोई नहीं |
| भगवान के समय प्रतिनारायण |
:: |
कोई नहीं |
| भगवान के समय रुद्र |
:: |
कोई नहीं |
| भगवान के समय यक्ष |
:: |
तुम्बरू |
| भगवान के समय यक्षिणीयां |
:: |
पुरुषदत्त |
| भगवान का विशेष पद |
:: |
मण्डलीक राजा |
| |
|
|