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२२. श्री १००८ नेमिनाथ भगवान का परिचय
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भगवान का चिन्ह |
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शंख |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
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सुप्रतिष्ठ |
कहां से आये |
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अपराजित |
गर्भ कल्याण तिथि |
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कार्तिक शुक्ल छठ |
जन्म कल्याण की तिथि |
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श्रावण शुक्ल छठ |
जन्म नगरी |
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शौरीपुर |
वंश |
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यादव |
पिता का नाम |
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समुद्रविजय |
माता का नाम |
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शिवदेवी |
आयु |
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एक हजार वर्ष |
ऊंचाई |
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दस धनुष |
वर्ण |
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श्याम |
वैराग्य का कारण |
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जातिस्मरण |
दीक्षा की तिथि |
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श्रावण शुक्ल छठ |
दीक्षा का समय |
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अपरान्ह |
दीक्षा नगरी |
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गिरनार |
दीक्षा वन |
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सहस्त्रार |
दीक्षा पालकी |
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देवकुरु |
दीक्षा वृक्ष |
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वास |
दीक्षा समय उपवास |
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तृतीय भक्त |
सह दीक्षित |
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एक हजार |
प्रथम आहार नगरी |
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अहीरपुर |
प्रथम आहार किसने दिया |
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वरदत्त |
प्रथम आहार में क्या दिया |
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गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
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छप्पन मास |
केवल ज्ञान तिथि |
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आश्विन शुक्ल १ |
केवल ज्ञान समय |
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पूर्वान्ह |
केवल ज्ञान का स्थान |
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उर्जयंत गिरनार |
केवल ज्ञान वन |
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सहस्त्र वन |
केवल ज्ञान वृक्ष |
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मेघश्रृंग |
समवशरण का व्यास |
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डेढ़ योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
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अठ्ठारह हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
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चालीस हजार |
कुल गणधर |
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ग्यारह |
मुख्य गणधर का नाम |
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वरदत्त |
मुख्य आर्यिका नाम |
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राजमती |
कुल श्रावक |
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एक लाख |
कुल श्राविका |
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तीन लाख |
मुख्य श्रोता |
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उग्रसेन |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
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अष्टमभक्त तीन उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
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आठ हजार |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
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चार |
केवली काल का समय |
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छप्पन दिन कम सात सौ वर्ष |
मोक्ष की तिथि |
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आषाढ़ शुक्ल अष्टमी |
मोक्ष का समय |
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पूर्वान्ह |
मोक्ष का स्थान |
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उर्जयन्त गिरनार |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
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पांच सौ छत्तीस |
योग निवृत्ति |
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एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
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पद्मासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
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ब्रह्मदत्त |
भगवान के समय बलदेव |
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पद्म |
भगवान के समय नारायण |
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कृष्ण |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
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जरासंध |
भगवान के समय रुद्र |
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कोई नहीं |
भगवान के समय यक्ष |
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पाश्र्व |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
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कुष्मांण्डी |
भगवान का विशेष पद |
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बालब्रह्मचारी |
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