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१८. श्री १००८ अरहनाथ भगवान का परिचय
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भगवान का चिन्ह |
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मछली |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
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धनपति |
कहां से आये |
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अपराजित |
गर्भ कल्याण तिथि |
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फाल्गुन शुक्ल तीज |
जन्म कल्याण की तिथि |
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मार्गशीर्ष शुक्ल चौदस |
जन्म नगरी |
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हस्तिनापुर |
वंश |
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कुरू |
पिता का नाम |
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सुदर्शन |
माता का नाम |
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मित्रा |
आयु |
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चौरासी हजार वर्ष |
ऊंचाई |
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तीस धनुष |
वर्ण |
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स्वर्ण |
वैराग्य का कारण |
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मेघनाश |
दीक्षा की तिथि |
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मार्गशीर्ष शुक्ल चौदस |
दीक्षा का समय |
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अपरान्ह |
दीक्षा नगरी |
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हस्तिनापुर |
दीक्षा वन |
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सहेतुक |
दीक्षा पालकी |
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वैजयन्ति |
दीक्षा वृक्ष |
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आम्र |
दीक्षा समय उपवास |
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तृतीय भक्त |
सह दीक्षित |
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एक हजार |
प्रथम आहार नगरी |
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हस्तिनापुर |
प्रथम आहार किसने दिया |
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अपराजित |
प्रथम आहार में क्या दिया |
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गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
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सोलह वर्ष |
केवल ज्ञान तिथि |
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कार्तिक शुक्ल बारस |
केवल ज्ञान समय |
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अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान |
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हस्तिनापुर |
केवल ज्ञान वन |
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सहेतुक वन |
केवल ज्ञान वृक्ष |
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आम्र |
समवशरण का व्यास |
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साढ़े तीन योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
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पचास हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
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साठ हजार |
कुल गणधर |
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तीस |
मुख्य गणधर का नाम |
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कुंभ |
मुख्य आर्यिका नाम |
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कुन्थुसेना |
कुल श्रावक |
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एक लाख |
कुल श्राविका |
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तीन लाख |
मुख्य श्रोता |
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सुभौम |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
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बेला दो उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
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सैंतीस हजार दो सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
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बीस |
केवली काल का समय |
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सोलह वर्ष कम इक्कीस हजार वर्ष |
मोक्ष की तिथि |
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चैत्र शुक्ल ग्यारस |
मोक्ष का समय |
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अपरांह |
मोक्ष का स्थान |
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सम्मेद शिखर (नाटककूट) |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
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एक हजार |
योग निवृत्ति |
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एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
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खड्गासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
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स्वयं सुभौम |
भगवान के समय बलदेव |
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नन्दी |
भगवान के समय नारायण |
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पुण्डरीक |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
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बलि |
भगवान के समय रुद्र |
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कोई नहीं |
भगवान के समय यक्ष |
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खगेन्द्र |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
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तारावती |
भगवान का विशेष पद |
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चक्रवर्ती |
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