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१४. श्री १००८ अनन्तनाथ भगवा का परिचय

 

 

भगवान का चिन्ह :: सेही
देवगति से पूर्व भव का नाम :: पद्मरत
कहां से आये :: पुष्पोत्तर
गर्भ कल्याण तिथि :: कार्तिक कृष्ण १
जन्म कल्याण की तिथि :: ज्येष्ठ कृष्ण बारस
जन्म नगरी :: अयोध्या
वंश :: इक्ष्वाकु
पिता का नाम :: सिंहसेन
माता का नाम :: सर्वश्यामा
आयु :: तीस लाख
ऊंचाई :: पचास धनुष
वर्ण :: स्वर्ण
वैराग्य का कारण :: उल्कापात
दीक्षा की तिथि :: ज्येष्ठ कृष्ण बारस
दीक्षा का समय :: अपरान्ह
दीक्षा नगरी :: अयोध्या
दीक्षा वन :: सहेतुक
दीक्षा पालकी :: सागरदत्ता
दीक्षा वृक्ष :: अश्वत्थ
दीक्षा समय उपवास :: तृतीय भक्त
सह दीक्षित :: एक हजार
प्रथम आहार नगरी :: द्वारावती
प्रथम आहार किसने दिया :: विशाख
प्रथम आहार में क्या दिया :: गौ क्षीर से बने पकवान
छद्मस्थकाल :: दो वर्ष
केवल ज्ञान तिथि :: चैत्र कृष्ण अमावस्या
केवल ज्ञान समय :: अपरांह
केवल ज्ञान का स्थान :: अयोध्या
केवल ज्ञान वन :: सहेतुक
केवल ज्ञान वृक्ष :: पीपल
समवशरण का व्यास :: साढ़े पांच योजन
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या :: छियासठ हजार
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की संख्या :: एक लाख आठ हजार
कुल गणधर :: पचास
मुख्य गणधर का नाम :: अरिष्ट
मुख्य आर्यिका नाम :: सर्वश्री
कुल श्रावक :: दो लाख
कुल श्राविका :: चार लाख
मुख्य श्रोता :: पुरुषपुण्डरीक
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास :: बेला दो उपवास
कितने यतिगण सिद्ध हुए :: इक्यावन हजार
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या :: छत्तीस
केवली काल का समय :: दो वर्ष कम सात लाख पचास हजार वर्ष
मोक्ष की तिथि :: चैत्र कृष्ण अमावस्या
मोक्ष का समय :: अपरांह
मोक्ष का स्थान :: सम्मेद शिखर (स्वयंप्रभकूट)
साथ में मोक्ष जाने वालों की संख्या :: सात हजार
योग निवृत्ति :: एक मास पूर्व
मोक्ष के समय का आसन :: खड्गासन
भगवान के समय चक्रवर्ती :: कोई नहीं
भगवान के समय बलदेव :: सुप्रभ
भगवान के समय नारायण :: पुरुषोत्तम
भगवान के समय प्रतिनारायण :: मधु कै0
भगवान के समय रुद्र :: अजितधर
भगवान के समय यक्ष :: पाताल
भगवान के समय यक्षिणीयां :: अनन्तमती
भगवान का विशेष पद :: मण्डलीक राजा
     

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