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१२. श्री १००८ वासुपूज्य भगवान का परिचय
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भगवान का चिन्ह |
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भैंसा |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
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पद्मोत्तर |
कहां से आये |
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महाशुक्र |
गर्भ कल्याण तिथि |
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आषाढ़ कृष्ण छठ |
जन्म कल्याण की तिथि |
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फाल्गुन कृष्ण चैदस |
जन्म नगरी |
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चम्पापुरी |
वंश |
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इक्ष्वाकु |
पिता का नाम |
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वसुपूज्य |
माता का नाम |
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विजया |
आयु |
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बहात्तर लाख वर्ष |
ऊंचाई |
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सत्तर धनुष |
वर्ण |
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विद्रुम (लाल) |
वैराग्य का कारण |
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जाति स्मरण |
दीक्षा की तिथि |
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फाल्गुन कृष्ण चौदस |
दीक्षा का समय |
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अपरान्ह |
दीक्षा नगरी |
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चम्पापुर |
दीक्षा वन |
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मनोहर |
दीक्षा पालकी |
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पुष्यभा |
दीक्षा वृक्ष |
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कदंब |
दीक्षा समय उपवास |
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एक उपवास |
सह दीक्षित |
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छः लाख छिहत्तर हजार छः सौ छः |
प्रथम आहार नगरी |
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महापुर नगर |
प्रथम आहार किसने दिया |
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जयराजा |
प्रथम आहार में क्या दिया |
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गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
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एक वर्ष |
केवल ज्ञान तिथि |
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भाद्रपद कृष्ण दौज |
केवल ज्ञान समय |
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अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान |
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चम्पापुरी |
केवल ज्ञान वन |
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मनोहर |
केवल ज्ञान वृक्ष |
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पाटल |
समवशरण का व्यास |
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साढ़े छः योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
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बहत्तर हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
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एक लाख |
कुल गणधर |
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छियासठ |
मुख्य गणधर का नाम |
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धर्म |
मुख्य आर्यिका नाम |
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वरसैना |
कुल श्रावक |
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दो लाख |
कुल श्राविका |
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चार लाख |
मुख्य श्रोता |
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स्वयंभू |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
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बेला दो उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
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चौवन हजार छः सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
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चौबालीस |
केवली काल का समय |
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एक वर्ष कम चौवन लाख पूर्व |
मोक्ष की तिथि |
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भादौं शुक्ल चौदस |
मोक्ष का समय |
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अपरांह |
मोक्ष का स्थान |
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चम्पापुर मनोहर वन |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
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छः सौ एक |
योग निवृत्ति |
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एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
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पद्मासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
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कोई नहीं |
भगवान के समय बलदेव |
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अचल |
भगवान के समय नारायण |
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द्विपृष्ठ |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
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तारक |
भगवान के समय रुद्र |
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अचल |
भगवान के समय यक्ष |
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षढ़मुख |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
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गान्धारी |
भगवान का विशेष पद |
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बालब्रह्मचारी |
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