|
११: श्री १००८ श्रेयांशनाथ भगवान का परिचय
|
|
|
|
|
|
|
भगवान का चिन्ह |
:: |
गेंडा |
देवगति से पूर्व भव का नाम |
:: |
नलिन |
कहां से आये |
:: |
पुष्पोत्तर |
गर्भ कल्याण तिथि |
:: |
ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी |
जन्म कल्याण की तिथि |
:: |
फाल्गुन कृष्ण ग्यारस |
जन्म नगरी |
:: |
सिंहपुरी |
वंश |
:: |
इक्ष्वाकु |
पिता का नाम |
:: |
विष्णु |
माता का नाम |
:: |
वेणूश्री |
आयु |
:: |
चौरासी लाख |
ऊंचाई |
:: |
अस्सी धनुष |
वर्ण |
:: |
स्वर्ण |
वैराग्य का कारण |
:: |
बसंत वन लक्ष्मीनाश |
दीक्षा की तिथि |
:: |
फाल्गुन कृष्ण ग्यारस |
दीक्षा का समय |
:: |
पूर्वान्ह |
दीक्षा नगरी |
:: |
सिंहनाथपुर |
दीक्षा वन |
:: |
मनोहर |
दीक्षा पालकी |
:: |
विमलप्रभा |
दीक्षा वृक्ष |
:: |
तेन्दु वृक्ष |
दीक्षा समय उपवास |
:: |
तृतीय भक्त |
सह दीक्षित |
:: |
एक हजार |
प्रथम आहार नगरी |
:: |
सिद्धार्थपुर |
प्रथम आहार किसने दिया |
:: |
सुनन्दराजा |
प्रथम आहार में क्या दिया |
:: |
गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल |
:: |
दो वर्ष |
केवल ज्ञान तिथि |
:: |
माघ कृष्ण अमावस्या |
केवल ज्ञान समय |
:: |
अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान |
:: |
सिंहनाथपुर |
केवल ज्ञान वन |
:: |
मनोहर |
केवल ज्ञान वृक्ष |
:: |
तेन्दु |
समवशरण का व्यास |
:: |
सात योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या |
:: |
चौरासी हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की
संख्या |
:: |
एक लाख तीस हजार |
कुल गणधर |
:: |
सतहत्तर |
मुख्य गणधर का नाम |
:: |
धर्म |
मुख्य आर्यिका नाम |
:: |
चारणा |
कुल श्रावक |
:: |
दो लाख |
कुल श्राविका |
:: |
चार लाख |
मुख्य श्रोता |
:: |
त्रिपृष्ठ |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास |
:: |
बेला दो उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए |
:: |
पैंसठ हजार छः सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या |
:: |
बहत्तर |
केवली काल का समय |
:: |
दो वर्ष कम इक्कीस लाख पूर्व |
मोक्ष की तिथि |
:: |
श्रावण शुक्ल १५ |
मोक्ष का समय |
:: |
अपरांह |
मोक्ष का स्थान |
:: |
सम्मेद शिखर (संकुलकूट) |
साथ में मोक्ष जाने वालों की
संख्या |
:: |
एक हजार |
योग निवृत्ति |
:: |
एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन |
:: |
खड्गासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती |
:: |
कोई नहीं |
भगवान के समय बलदेव |
:: |
विजय |
भगवान के समय नारायण |
:: |
त्रिपृष्ठ |
भगवान के समय प्रतिनारायण |
:: |
अश्वग्रीव |
भगवान के समय रुद्र |
:: |
सुप्रतिष्ठ |
भगवान के समय यक्ष |
:: |
ईश्वरकुमार |
भगवान के समय यक्षिणीयां |
:: |
गौरी |
भगवान का विशेष पद |
:: |
मण्डलीक राजा |
|
|
|